- एकल शिक्षकीय 244 प्राथमिक शाला, दो मिडिल स्कूल, दो हाई स्कूल और एक हायर सेकेंडरी स्कूल में भी हुई शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था।
- जिले में अब कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं रहा।
कोण्डागांव- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए किए जा रहे ’युक्तियुक्तकरण’ प्रक्रिया के सकारात्मक परिणाम अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर किए जा रहे युक्तियुक्तकरण से कोंडागांव जिले के 10 शिक्षकविहीन प्राथमिक विद्यालयों को आखिरकार शिक्षक मिल गए हैं, जिससे न केवल शैक्षणिक गतिविधियाँ फिर से गति पकड़ेंगी, बल्कि सैकड़ों बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित होगा। वहीं जिले के एकल शिक्षकीय 244 प्राथमिक शाला, दो पूर्व माध्यमिक शाला, दो हाई स्कूल और एक हायर सेकेण्डरी स्कूल में भी शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था से विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। इस प्रकार जिले में अब कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं रहा।
जिले के माकड़ी विकासखण्ड के प्राथमिक शाला करमरी, प्राथमिक शाला डोंगरीपारा क्षमतापुर और प्राथमिक शाला नेवरा, बड़ेराजपुर विकासखण्ड के प्राथमिक शाला रावसवाही, कोण्डागांव विकासखण्ड के प्राथमिक शाला कोरमेल, प्राथमिक शाला बाखरा, प्राथमिक शाला ज्ञान ज्योति नयापारा छोटेबंजोड़ा, प्राथमिक शाला एहरा और प्राथमिक शालाखुटडोबरा पूरी तरह शिक्षाकविहीन थे। इन स्कूलों में वर्षों से शिक्षक नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी। अब शिक्षकों की नियुक्ति से विद्यार्थियों को शिक्षा की नियमित और गुणवत्तापूर्ण सुविधा मिलेगी।
इसी प्रकार जिले के एकल शिक्षकीय विद्यालयों में भी युक्तियुक्तकरण के तहत आवश्यक शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। इनमें फरसगांव विकासखण्ड के उच्च प्राथमिक शाला भैंसाबोड़, माध्यमिक शाला बाजारपारा फरसगांव, कोण्डागांव विकासखण्ड के हाई स्कूल डोंगरीगुड़ा और हाई स्कूल नवागांव और जिले के दूरस्थ अंचल माकड़ी विकासखण्ड के हाई स्कूल एरला सहित जिले के 244 प्राथमिक शालाओं में भी युक्तियुक्तरण के पश्चात शिक्षकों की आवश्यक व्यवस्था की गई है। इस युक्तियुक्तकरण से जिले के कोई भी विद्यालय शिक्षकविहीन या एकल शिक्षकीय नहीं रहा।
यह बदलाव शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और विद्यार्थियों को उनके भविष्य के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे जिले की शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होने से गुणवत्ता में वृद्धि होगी